DA Hike News: हमारी सरकार नियमित रूप से समय-समय पर महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी को लेकर घोषणाएँ जारी करती रहती है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आवश्यकतानुसार अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि का फैसला लेती हैं। वर्तमान समय में, सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह जानना अत्यंत जरूरी है कि महंगाई भत्ते से जुड़ी नवीनतम जानकारी क्या है। ध्यान देने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान किए जाने वाले महंगाई भत्ते में कुछ अंतर होता है।
केंद्र और राज्य सरकारों के डीए में अंतर
हाल ही में, केंद्र सरकार ने अपने सभी केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 50% से बढ़ाकर 53% कर दिया है। वहीं दूसरी ओर, अधिकांश राज्य सरकारों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 46% से बढ़ाकर 50% किया गया है। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी महंगाई के कारण आर्थिक समस्याओं का सामना न करे। इसीलिए सरकार नियमित रूप से महंगाई भत्ते में वृद्धि करती रहती है।
मध्य प्रदेश में डीए वृद्धि की संभावना
अब ऐसी खबर आ रही है कि मध्य प्रदेश सरकार भी अपने राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने पर विचार कर रही है। यदि एमपी सरकार डीए वृद्धि का फैसला लेती है, तो राज्य के लगभग 7 लाख कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। बढ़ती महंगाई को देखते हुए, राज्य के कर्मचारी लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि उनके महंगाई भत्ते को बढ़ाया जाए।
डीए वृद्धि पर निर्णय की स्थिति
वर्तमान समय में, मध्य प्रदेश सरकार ने अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाएगा या नहीं। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, एमपी सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि को लेकर आने वाले कुछ दिनों के भीतर घोषणा कर सकती है। यदि सरकार इस तरह का कोई निर्णय लेती है, तो मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारियों को इस नए महंगाई भत्ते के अनुसार वेतन मिलेगा। ऐसा अनुमान है कि महंगाई भत्ते में यह वृद्धि फरवरी महीने से लागू की जा सकती है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि डीए में वृद्धि का अंतिम निर्णय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा ही लिया जाएगा। एक बार जब उनकी स्वीकृति मिल जाएगी, तब राज्य के सभी कर्मचारियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मिलने लगेगा।
मध्य प्रदेश कर्मचारियों का वर्तमान डीए
इस समय मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता 50% के आधार पर दिया जा रहा है। यह दर 1 जनवरी 2024 को लागू की गई थी। इसके बाद, एमपी सरकार ने कुछ समय पूर्व डीए को बढ़ाने की घोषणा की थी और 1 जुलाई 2024 से इसे सभी कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया गया था। इस प्रकार, वर्तमान में मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 53% महंगाई भत्ता मिल रहा है।
हालांकि, कर्मचारी इस महंगाई भत्ते को और अधिक बढ़ाने की मांगकर रहे हैं, ताकि वे लगातार बढ़ती महंगाई का सामना आसानी से कर सकें। उनका मानना है कि वर्तमान महंगाई भत्ता उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
महंगाई भत्ते में संभावित वृद्धि
आमतौर पर, 1 जनवरी और 1 जुलाई से सभी कर्मचारियों के लिए नवीनतम महंगाई भत्ता लागू किया जाता है। इसलिए, अगर मध्य प्रदेश सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि का फैसला लेती है, तो यह जनवरी 2025 से लागू माना जाएगा। हालांकि, अभी तक राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
यदि राज्य सरकार महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा करती है, तो सभी राज्य कर्मचारियों के वेतन में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, जल्द ही डीए में वृद्धि होने की संभावना है। पिछली बार जब महंगाई भत्ता बढ़ाया गया था, तब यह 53% तक पहुंच गया था। यदि मध्य प्रदेश सरकार महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि करती है, तो यह बढ़कर 56% हो जाएगा।
एरियर की किस्त का भुगतान
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक और अच्छी खबर यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डीए के एरियर राशि के भुगतान का भी फैसला लिया है। राज्य सरकार ने इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब राज्य के सभी कर्मचारियों को एरियर की बकाया राशि प्रदान की जाएगी।
एरियर का भुगतान चार अलग-अलग किस्तों में किया जाएगा। इस तरह, मार्च-अप्रैल 2025 तक सभी कर्मचारियों को एरियर की पूरी राशि मिल जाएगी। एरियर के भुगतान के लिए अधिकारियों ने आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिए हैं। यह एरियर राशि ‘पे रोल एरियर कैलकुलेशन’ के अंतर्गत दी जाएगी।
उपरोक्त जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी प्रकार के निर्णय या आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया अपने विभाग या सरकारी अधिकारियों से संपर्क करें। महंगाई भत्ते और एरियर से संबंधित नियम और प्रक्रियाएं बदल सकती हैं, इसलिए ताजा जानकारी के लिए आधिकारिक सूचनाओं का पालन करें। यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए।